छत्तीसगढ़ में 2025 में होगा 19वां स्काउट गाइड जंबूरी, 125 देशों से 35 हजार से अधिक स्काउट गाइड लेंगे हिस्सा

Harsh Dongre
Harsh Dongre - Editor Kanker
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हर्ष डोंगरे , रायपुर : छत्तीसगढ़ में वर्ष 2025 में 19वें स्काउट गाइड जंबूरी का आयोजन होने जा रहा है। इस विशाल आयोजन को लेकर राज्य में तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ओर से इस आयोजन के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। यह आयोजन सात दिनों तक चलेगा, जिसमें 35,000 से अधिक भारतीय स्काउट-गाइड छात्र-छात्राएं और 125 देशों की स्काउट-गाइड की टीमें हिस्सा लेंगी। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ को एक वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को सेवा, सुरक्षा, सहयोग और राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित करेगा।

रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आयोजन की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह जंबूरी 9 से 10 दिनों तक चलेगा, जिसमें सात दिन मुख्य आयोजन के होंगे। अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक पहचान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।

जंबूरी का उद्देश्य और महत्व

इस स्काउट गाइड जंबूरी का मुख्य उद्देश्य युवाओं में सेवा, सुरक्षा, सहयोग और राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करना है। इस आयोजन के माध्यम से विभिन्न देशों के प्रतिभागियों को एक साथ आने का मौका मिलेगा, जिससे संस्कृति, विचार, और परंपराओं का आदान-प्रदान होगा। खास बात यह है कि इस बार जंबूरी में एक “गर्ल्स जंबूरी” के साथ-साथ “ट्राइबल जंबूरी” का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से 25% बच्चे आदिवासी समुदाय से होंगे। यह पहल आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने और उसे वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ के बच्चे भी इस जंबूरी में हिस्सा लेकर अन्य राज्यों और देशों के प्रतिभागियों से सीखने का अवसर प्राप्त करेंगे

राष्ट्रीय और राज्य संरक्षक

स्काउट गाइड जंबूरी का राष्ट्रीय संरक्षक राष्ट्रपति होते हैं, जबकि राज्य स्तरीय संरक्षक के रूप में मुख्यमंत्री और राज्यपाल होते हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली बार इस प्रकार का आयोजन 2002 में हुआ था। इसके 22-23 वर्षों के बाद राज्य को पुनः इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी करने का मौका मिला है, जो राज्य की प्रतिष्ठा और गौरव में वृद्धि करेगा।

छत्तीसगढ़ की संस्कृति को मिलेगा मंच

इस जंबूरी के माध्यम से न केवल छत्तीसगढ़ की अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर और परंपराएं दुनिया के सामने प्रस्तुत की जाएंगी, बल्कि यहां के स्थानीय भोजन, कला, और जनजातीय जीवन शैली को भी वैश्विक मान्यता मिलेगी। बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन से राज्य के नए बच्चे और युवा स्काउट गाइड में शामिल होकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकेंगे। यह आयोजन राज्य के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा, जिसमें विभिन्न देशों के लोगों के साथ मित्रता और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

जंबूरी का इतिहास

स्काउट गाइड जंबूरी का इतिहास 1920 से शुरू होता है, जब पहली बार इसका आयोजन लंदन के ओलंपिया हॉल में हुआ था। यह एक अंतरराष्ट्रीय स्काउटिंग आयोजन है, जिसमें विभिन्न देशों से स्काउट और गाइड भाग लेते हैं। इसका उद्देश्य विभिन्न देशों के बच्चों और युवाओं को एक मंच पर लाकर उनमें सेवा और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना है।

इसका आयोजन हर चार साल में किया जाता है, और इसमें लाखों स्काउट्स एवं गाइड्स भाग लेते हैं। विश्व स्काउट जंबूरी का पहला आयोजन स्काउटिंग के संस्थापक रॉबर्ट बेडन-पॉवेल द्वारा किया गया था। जंबूरी का उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं के बीच आपसी सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शांति की भावना को बढ़ावा देना है।

छत्तीसगढ़ में 2002 में एक बार पहले भी इस प्रकार का आयोजन हो चुका है। उस समय यह आयोजन राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, और अब 2025 में इसका फिर से आयोजन होने जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा।

निष्कर्ष

स्काउट गाइड जंबूरी 2025 न केवल एक वैश्विक आयोजन होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर भी होगा, जिसमें वे सेवा, सहयोग और राष्ट्रीयता की भावना को प्रोत्साहित करेंगे। यह आयोजन प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और समाजिक धरोहर को दुनिया के सामने रखने का एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा, जिससे छत्तीसगढ़ को एक अलग पहचान मिलेगी।

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