Hindu Muslim Ekta : आखिर क्यों मुस्लिम परिवार ने हिंदू रीति रिवाजों से छपवाया शादी का कार्ड, देखिए क्या है वजह ?

सनातन धर्म छोड़ रहा पूरे विश्व में अपनी छाप, सनातन ही सत्य है

Pushpraj Singh Thakur
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उत्तरप्रदेश। बहराइच के सफीपुर गांव के एक मुस्लिम परिवार ने अपने बेटे की शादी के लिए हिंदू रीति-रिवाज से शादी के कार्ड छपवाए हैं. निमंत्रण कार्ड में सबसे पहले भगवान गणेश को आमंत्रित किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा शादी का कार्ड अब चर्चा का विषय बना हुआ है. शादी के कार्ड पर छपे नामों में दूल्हा, दुल्हन और उनके रिश्तेदार शामिल हैं, जो सभी मुस्लिम हैं। हालांकि, शादी का कार्ड हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक छपवाया गया है। शादी की तारीख 29 फरवरी और पता बहराईच के कैसरगंज गांव का बताया गया है।

इस वायरल शादी के कार्ड की पड़ताल करने के लिए जब हमने सफीपुर गांव के रहने वाले दूल्हे के पिता अजहुल कमर नाम के शख्स से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनके बेटे समीर अहमद की शादी यहां के ही रहने वाले एक शख्स की बेटी सानिया खातून से हो रही है. 29 फरवरी को जेरावल रोड का. उन्होंने अपने हिंदू भाइयों को आमंत्रित करने के लिए हिंदू रीति-रिवाज से शादी के कार्ड छपवाए। चूँकि हम अपने गाँव सफीपुर और अन्य स्थानों से भी हिंदू भाइयों को आमंत्रित करना चाहते थे, इसलिए हमने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी के कार्ड छपवाने का फैसला किया।

Hindu Muslim Ekta

हमने अपने परिवार, रिश्तेदारों और मुसलमानों के लिए उर्दू में शादी का कार्ड भी छपवाया है, जिसे हिंदू भाई नहीं पढ़ पाएंगे. ऐसे में हमने अपने हिंदू भाइयों को अपने बेटे की शादी में आमंत्रित करने के लिए ऐसा कार्ड छपवाया है. गौरतलब है कि हिंदुओं के लिए, शादी से एक दिन पहले “प्रीति भोज” नामक एक विवाह पूर्व दावत कार्यक्रम आयोजित किया जाना है।

मुस्लिम शादी के लिए हिंदू रीति-रिवाज से छपवाए गए इस शादी के कार्ड ने समाज में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है, जो भाईचारे की डोर को मजबूत करने में कारगर साबित हो रहा है. यह वायरल शादी का कार्ड हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश घर-घर पहुंचा रहा है।

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आप पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।
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