रायपुर: केंद्र सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई शुरू की है, जिसका लक्ष्य 2026 तक देश को इस समस्या से पूरी तरह मुक्त करना है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 3200 जवानों की तैनाती की जा रही है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेंगे।
हाल ही में, CRPF की पहली बटालियन, जिसमें 800 जवान शामिल हैं, राजधानी रायपुर पहुंच चुकी है। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए CRPF की चार बटालियन तैनात करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा
गृहमंत्री अमित शाह ने अगस्त में नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि नक्सलियों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे अपना रवैया नहीं बदलते, तो उनके खिलाफ अंतिम प्रहार किया जाएगा। शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं। इस योजना के तहत एनआईए की तर्ज पर एसआईए का गठन किया जाएगा और जल्द ही एक नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा की जाएगी।
जवानों की सफलता की कहानियां
हाल ही में, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में हुई मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। 3 सितंबर को बीजापुर जिले में हुई मुठभेड़ में 9 नक्सलियों को मार गिराया गया। इसके बाद 5 सितंबर को तेलंगाना के गुंडाला करकागुडेम में ग्रेहाउंड्स फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 6 नक्सलियों को ढेर किया गया। पिछले आठ महीनों में भाजपा सरकार के तहत 152 नक्सलियों को मारा गया है, जो इस अभियान की सफलता को दर्शाता है।
सरकारी योजना और भविष्य की रणनीति
राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर नक्सल समस्या से निपटने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद और नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उनकी सरकार इस दिशा में ठोस और प्रभावी नियम और नीतियों को लागू कर रही है, जो बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति को सुधारने में मदद करेंगे।