बिलासपुर: मुख्यमंत्री की फ्लेक्सी योजना के तहत चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोन में सरपंच श्यामता कैवर्त और उनके प्रतिनिधि अशोक कैवर्त पर 5000 रुपये की अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया गया है। आरोप है कि यदि ग्रामीण इस राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें आवास योजना से वंचित करने की धमकी दी जा रही है।
घटना का विवरण:
ग्राम पंचायत सोन के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की है कि वे सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और उन्हें शासन की योजनाओं के तहत प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली है। इस योजना के तहत, जब आवास की स्थिति की जांच की गई, तो सरपंच और उनके प्रतिनिधि ने प्रति हितग्राही 5000 रुपये की मांग की। जब ग्रामीणों ने राशि देने से इनकार किया, तो उनसे कहा गया कि आवास की पहली किस्त में 40,000 रुपये आएंगे, जिसमें से 5000 रुपये काटकर शेष 35,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इस प्रकार, सरपंच और उनके प्रतिनिधि द्वारा अवैध वसूली का खेल चलाया जा रहा है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया:
इस मामले में कई हितग्राही अपने मकान के निर्माण के कारण चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि कुछ ने इसका विरोध किया है। विरोध करने पर उन्हें चेतावनी दी गई कि यदि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ चाहिए, तो 5000 रुपये का भुगतान करना होगा। अन्यथा, स्वीकृत आवास को निरस्त कर दिया जाएगा।
निष्पक्ष जांच की मांग:
ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी सरपंच और उनके प्रतिनिधि अशोक कैवर्त के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि इस प्रकार की अवैध वसूली से गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अवैध वसूली का यह मामला गंभीर चिंता का विषय है, जो शासन की योजनाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले और अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और असली लाभार्थियों को योजनाओं का सही लाभ मिल सके।