गौरेला-पेंड्रा-मारवाही (जीपीएम): छत्तीसगढ़ में पुलिस का मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान लगातार असर दिखा रहा है। जीपीएम पुलिस ने गांजा तस्करों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक महीने के भीतर 485 किलो गांजा जब्त किया है, जिसकी कुल बाजार कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस कार्रवाई में पुलिस ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ताजा कार्रवाई में 41 लाख का गांजा बरामद:
जीपीएम पुलिस ने आज एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की, जब उन्होंने दो अंतरराज्यीय तस्करों को 41 लाख रुपये की कीमत के लगभग 2 क्विंटल गांजा के साथ गिरफ्तार किया। यह तस्करी एक XL6 वाहन के जरिए की जा रही थी। पुलिस ने पतगंवा के पास चेकिंग अभियान के दौरान घेराबंदी कर इन तस्करों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे ओडिशा के बलांगीर क्षेत्र से गांजा लाकर मध्यप्रदेश के राजेंद्रग्राम की ओर ले जा रहे थे।
पुलिस की रणनीतिक योजना:
पुलिस की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा रायपुर में एसपी और कलेक्टरों के साथ आयोजित बैठक के बाद और अधिक मजबूत हुई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ा रुख अपनाने और तस्करों के नेटवर्क को ट्रेस कर उनके फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंक पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी दिशा में एसपी भावना गुप्ता के नेतृत्व में पेंड्रा थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने यह बड़ी कार्रवाई की।
पिछले एक महीने में 485 किलो गांजा जब्त:
जीपीएम पुलिस ने पिछले एक महीने के भीतर गांजा तस्करी के तीन अलग-अलग मामलों में कुल 485 किलो गांजा जब्त किया है, जिसकी कुल बाजार कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन मामलों में पुलिस ने पांच चारपहिया वाहन भी जब्त किए हैं, जिनकी कीमत लगभग 60 लाख रुपये है।
फाइनेंशियल ट्रेल और आरोपियों की गिरफ्तारी:
गांजा तस्करी में शामिल आरोपियों के फाइनेंशियल ट्रेल को ट्रेस करते हुए पुलिस ने करीब दो दर्जन बैंक खातों को होल्ड करवाया है। इस अभियान में मध्यप्रदेश के 7 और छत्तीसगढ़ के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20बी और 29 के तहत कार्रवाई की गई है।
पुलिस टीम का योगदान:
इस अंतरराज्यीय तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने में डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा और डीएसपी निकिता तिवारी मिश्रा के सुपरविजन में थाना प्रभारी पेंड्रा निरीक्षक नवीन बोरकर, साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, उप निरीक्षक रणछोड़ सेंगर, एएसआई गोपाल खांडेकर और उनकी टीम का अहम योगदान रहा। प्रधान आरक्षक चौपाल कश्यप, संतोष बंजारे, आरक्षक राजेश शर्मा, दुष्यंत मसराम, महेंद्र परस्ते और सुरेंद्र विश्वक ने भी इस ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभाई।
निष्कर्ष:
जीपीएम पुलिस की यह कार्रवाई न केवल मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी जीत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पुलिस इस अवैध धंधे पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस कार्रवाई से अंतरराज्यीय तस्करों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है, और यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा ताकि समाज से मादक पदार्थों के खतरे को समाप्त किया जा सके।