कवर्धा: जिले के रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहरीडीह गांव में हुए आगजनी कांड और उप सरपंच की हत्या के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। मामला उस वक्त और गंभीर हो गया जब बुधवार को न्यायिक हिरासत में बंद एक आरोपी प्रशांत साहू की जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया, और पुलिस पर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए जाने लगे।
सरकार की त्वरित कार्रवाई, एएसपी निलंबित
इस अप्रत्याशित घटना के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जिले के एडिशनल एसपी आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की जांच और गिरफ्तारी की कमान आईपीएस विकास कुमार ही संभाल रहे थे। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को तुरंत संज्ञान लेना पड़ा और निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
परिजनों का गुस्सा, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
प्रशांत साहू की मौत के बाद उसके परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि पुलिस ने हिरासत में प्रशांत के साथ बेरहमी से मारपीट की, जिसके चलते उसकी मौत हुई। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश इस कदर बढ़ गया कि प्रशासन को तुरंत हरकत में आना पड़ा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा पहुंचे घटनास्थल
कवर्धा का यह इलाका उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का गृह क्षेत्र होने के कारण मामला और भी संवेदनशील हो गया है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने तुरंत मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की और भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जेल में डीजी का निरीक्षण, मारपीट के और मामले सामने आए
इस बीच, डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने जेल का निरीक्षण किया और बंद आरोपियों से बातचीत की। उनकी जांच में यह बात सामने आई कि पुलिस द्वारा कई अन्य आरोपियों के साथ भी मारपीट की गई थी। इस बात की पुष्टि गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी की है। उन्होंने माना कि पुलिस ने ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार किया और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले की जांच जारी, हत्याकांड ने पकड़ा राजनीतिक मोड़
लोहरीडीह आगजनी कांड और उप सरपंच की हत्या का मामला पहले से ही विवादों में था, लेकिन अब प्रशांत साहू की मौत ने इसे और भी जटिल बना दिया है। हर दिन नए-नए खुलासों और आरोप-प्रत्यारोपों के बाद इलाके में तनाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस और प्रशासन के बीच लगातार संवाद बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मृतक के परिजनों की मांग है कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन इस पूरे मामले को किस तरह संभालते हैं और दोषियों को कब तक सजा दिला पाते हैं।