छत्तीसगढ़ में ई-पास मशीन बनी सोसायटी संचालकों के लिए सिरदर्द

Pushpraj Singh Thakur
Pushpraj Singh Thakur - Editor in Chief 41 Views
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों में ई-पास मशीनों की स्थापना के बाद से ही समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। 2022 से अब तक कई दुकानदारों को अनियमितताओं के कारण नोटिस मिला है, जबकि राशन वितरण में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं है।

शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए खाद्य मंत्री से मुलाकात की। राशन दुकानों में ई-पास मशीनों की स्थापना राशन वितरण को सुचारू बनाने के लिए की गई थी। हालांकि, इन मशीनों के रखरखाव और समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी मशीन बनाने वाली कंपनी पर थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इस कारण कई दुकानों को अनियमितताओं के लिए नोटिस थमा दिया गया है।

सोसायटी संचालक

ई-पास मशीन की समस्याओं को लेकर कई दुकानदारों ने मौखिक और लिखित शिकायतें दर्ज कराई हैं। कोरोना काल से अब तक कई ईमानदार दुकानदारों को भी नोटिस थमाया गया है, जबकि उन्होंने नियमों के अनुसार राशन वितरण किया है। कई दुकानदारों को मजबूरन सोसायटी छोड़नी पड़ी है और कुछ को अपनी संपत्ति बेचने की नौबत भी आ गई है। ई-पास मशीनों की समस्याओं के कारण राशन दुकान संचालकों की नींद उड़ गई है।

शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ ने खाद्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्होंने प्रमुख बिंदुओं को दर्शाते हुए बताया कि ई-पास मशीन को कब और किस उद्देश्य से वितरित किया गया था। ज्ञापन में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की सरकार ने पी.डी.एस. योजना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए थे, जिसके कारण छत्तीसगढ़ पी.डी.एस. को राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त है।

सरकार ने जुलाई 2022 में ई-पास मशीनों और वजन मशीनों से कनेक्टिविटी के माध्यम से 70 लाख राशन कार्डधारियों को राशन वितरण करने का निर्णय लिया था। हैदराबाद की एक कंपनी से 8.50 करोड़ रुपये खर्च कर ई-पास मशीनें मंगवाई गई थीं, जिन्हें ट्रायल के रूप में छत्तीसगढ़ के 13,000 राशन दुकानदारों को वितरित किया गया था। मशीनों की गुणवत्ता निम्न स्तर की होने के कारण वे बार-बार खराब हो रही हैं।

मशीनों में राशन वितरण के लिए अंगूठे का निशान लेने के बाद भी डेटा हट जाता है, जिससे दुकानदारों को राशन की भरपाई करनी पड़ती है। रिपेयरिंग चार्ज कंपनी द्वारा वहन करने का समझौता था, लेकिन अब दुकानदारों से भारी भरकम वसूली की जा रही है। सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण रिकॉर्ड संधारण में भारी अनियमितताएं देखी जा रही हैं, जिससे राशन वितरण में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इस कारण राशन दुकानदारों को आम उपभोक्ताओं की नजर में घोटालेबाज माना जा रहा है।

राशन दुकानदारों के संगठन शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों ने रायपुर स्थित इंद्रावती भवन में नागरिक आपूर्ति निगम के संचालक से मिलकर अपनी मांगों पर चर्चा की। कनेक्टिविटी की समस्या को छोड़कर बाकी मांगों पर विचार कर समाधान का आश्वासन दिया गया। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने खाद्य मंत्री दयालदास बघेल से मुलाकात कर अपनी मांगों के समाधान की मांग की। मंत्री ने आश्वासन दिया कि दो दिन बाद अधिकारी वर्ग की बैठक बुलाकर सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

प्रतिनिधि मंडल ने विपणन विभाग द्वारा पी.डी.एस. बारदाना का 2021 से लंबित भुगतान और 2023/24 के पी.डी.एस. बारदाना का भी भुगतान दिलाने की मांग की। इस अवसर पर संगठन प्रमुख देवर्ष भाई सापरिया, प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय राठौर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य लोरमी ब्लॉक अध्यक्ष वासकल बंजारे, मरवाही जिला अध्यक्ष संजय यादव, मुंगेली जिला अध्यक्ष लखन लाल यादव, बिलासपुर जिला अध्यक्ष मनीष टंडन, मुंगेली ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र साहू, शांति सागर सरोज, कोसले धनेश्वरी धृतलहरे, रामनिहोरा दिनेश साहू, संजय गर्ग, भरत मंडेला, जनपद सदस्य प्रतिनिधि सुरेन्द्र साहू और अन्य संगठन पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल रहे।

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आप सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं एवं वर्तमान में India News के जिला ब्यूरोचीफ के रूप में काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।

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