बिलासपुर। विधानसभा सत्र के दौरान पूरक प्रश्न क्रमांक 640 के तहत जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि के माध्यम से जिले के स्कूलों में किए गए व्यय के संबंध में विशिष्ट प्रश्न उठाए गए थे। 5 फरवरी की समय सीमा तक केवल सक्ती, जांजगीर-चांपा, सारंगढ़-बिलाईगढ़ से जानकारी , और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले प्रस्तुत किये गये थे। इसके विपरीत, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़ और कोरबा समय पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने में विफल रहे, जिसके कारण जेडी (संयुक्त निदेशक) द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया।
विधानसभा सत्र के दौरान उठाए गए सवालों के जवाब में समय पर जानकारी नहीं देने के जिम्मेदार चार डीईओ को क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक आरपी आदित्य से नोटिस मिला है। नोटिस में बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़ और कोरबा के जिला शिक्षा अधिकारियों को तीन दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। यह मामला डीएमएफ फंड से स्कूलों में होने वाली गतिविधियों से जुड़ा है।
विस्तृत प्रतिक्रिया से व्यय की प्रकृति, धन के उपयोग और इन जिलों में स्कूलों के कामकाज और सुधार पर डीएमएफ निधि के प्रभाव पर प्रकाश पड़ने की उम्मीद है। ये नोटिस शैक्षिक उद्देश्यों के लिए आवंटित धन के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की याद दिलाते हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों से आग्रह किया जाता है कि वे उठाई गई चिंताओं का तुरंत समाधान करें और जिला स्कूलों में डीएमएफ फंड के उपयोग की प्रभावी जांच और समझ सुनिश्चित करने के लिए व्यापक विवरण प्रदान करें।