बिलासपुर: हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि यदि कोई बैंक खाताधारक अपनी जमा राशि के बारे में सही जानकारी नहीं देता है, तो वह राशि आयकर के दायरे में लाई जा सकती है। यह फैसला हाईकोर्ट के जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने सुनाया।
बेंच ने आयकर अधिनियम की धारा 68 और 69ए का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि खाताधारक के लिए बैंक में जमा राशि की सही जानकारी देना अनिवार्य है। यदि खाताधारक ऐसा नहीं करता है, तो उसकी जमा राशि पर आयकर लगाया जा सकता है।
इसके साथ ही, यदि किसी तीसरे पक्ष के नाम पर राशि जमा की गई है, तो उस व्यक्ति से भी जमा राशि के स्रोत के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी जाएगी। यह जिम्मेदारी उसी व्यक्ति की होगी जिसके नाम पर खाता खोला गया है।
यह महत्वपूर्ण निर्णय दिनेश सिंह चौहान की याचिका पर सुनाया गया, जिसमें बैंक जमा राशि की जानकारी से संबंधित मुद्दे पर चर्चा की गई थी। यह फैसला न केवल खाताधारकों के लिए, बल्कि आयकर विभाग के लिए भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रस्तुत करता है। इस निर्णय से स्पष्ट है कि खाताधारकों को अपनी वित्तीय जानकारी की पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी, ताकि आयकर संबंधित समस्याओं से बचा जा सके।