जगदलपुर, बस्तर, छत्तीसगढ़ : बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देश-दुनिया के सामने लाने के उद्देश्य से ‘द बस्तर मड़ई’ थीम पर एक अनूठी पहल की जा रही है। इस पहल के तहत, देश के विभिन्न कोनों से आने वाले इनफ्लुएंसर्स (प्रभावशाली व्यक्तित्व) अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बस्तर की खूबसूरती, इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे।
द बस्तर मड़ई: बस्तर की चार रंगों में पहचान
बस्तर की पर्यटन क्षमता को चार रंगों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। ये रंग बस्तर की विविधता और समृद्धता को प्रतीकात्मक रूप से उजागर करते हैं:
1. नीला रंग: बस्तर के जल पर्यटन स्थलों का प्रतीक है, जिसमें चित्रकोट और तीरथगढ़ जैसे जलप्रपात शामिल हैं।
2. हरा रंग: बस्तर के घने जंगलों और वन्य जीवन का प्रतिनिधित्व करता है, जो पर्यटकों को यहां की जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा से रूबरू कराएगा।
3. भूरा रंग: बस्तर की गुफाओं और पुरातात्विक स्थलों की ओर इशारा करता है, जो यहां की ऐतिहासिक धरोहर को सामने लाता है।
4. लाल रंग: बस्तर की आध्यात्मिकता और धार्मिक महत्व का प्रतीक है, जिसमें मां दंतेश्वरी की आराधना और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा शामिल हैं।
बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप: चार रंगों के 42 पर्यटन स्थलों की जानकारी
बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप के तहत इन चार रंगों से जुड़े 42 प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी दी गई है। इस मैप में पर्यटकों को स्थलों का संक्षिप्त विवरण, वहां तक पहुंचने के लिए आवश्यक मार्गों की जानकारी और बस्तर जिले में रेलमार्ग, वायुमार्ग और सड़क मार्ग से पहुंचने की विधियां भी शामिल की गई हैं।
इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से प्रचार
बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम के ने बताया कि अब तक बस्तर में पर्यटक मुख्य रूप से चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, और कुटुमसर गुफा जैसी जगहों पर ही आते थे। लेकिन ‘द बस्तर मड़ई’ पहल के तहत, बस्तर की अन्य खूबसूरत और सांस्कृतिक धरोहरों को भी दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए इनफ्लुएंसर्स को आमंत्रित किया गया है, जो यहां के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे और अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से बस्तर की अद्वितीयता और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेंगे।
बस्तर की खूबसूरती को मिलेगी वैश्विक पहचान
इस पहल के माध्यम से न केवल बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि इस क्षेत्र में पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावना है। बस्तर की अद्वितीयता, जो अब तक सीमित संख्या में ही जानी जाती थी, अब दुनिया भर के लोगों तक पहुंचने वाली है। इस पहल से बस्तर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि अधिक संख्या में पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
इस प्रकार, ‘द बस्तर मड़ई’ न केवल बस्तर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को बढ़ावा देगा, बल्कि इसे वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान भी दिलाएगा।