कवर्धा हिंसा: कांग्रेस ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, 21 सितंबर को प्रदेश बंद का किया ऐलान

Pushpraj Singh Thakur
Pushpraj Singh Thakur - Editor in Chief 47 Views
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कबीरधाम: कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव में उप सरपंच कचरू साहू की मौत के बाद राज्य में सियासी तापमान चरम पर है। इस घटना ने प्रदेश में राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है, जहां कांग्रेस ने पुलिस प्रशासन पर नाकामी का आरोप लगाते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

कांग्रेस की सीएम से सीधी मांग

कांग्रेस ने इस घटना को लेकर तीखे आरोप लगाए हैं और मांग की है कि कचरू साहू का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए। साथ ही, रेगाखार थाने की सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग की है, ताकि घटना की सच्चाई सामने आ सके। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि गृहमंत्री विजय शर्मा, जिनके जिले में यह घटना हुई, उन्हें तत्काल गृहमंत्री पद से बर्खास्त किया जाए। पार्टी ने यह आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने मामले की जांच में लापरवाही बरती और पूरी घटना की सच्चाई को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

केबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन का तीखा पलटवार

कांग्रेस के आरोपों पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने पलटवार करते हुए कहा कि अपराध की बढ़ोतरी कांग्रेस के शासनकाल में हुई थी, और अब जब भाजपा की सरकार अच्छे से काम कर रही है, तो कांग्रेस बौखला गई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत किया है।

देवांगन ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। अपने 36 वादों में से उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया। अब जब भाजपा नेता विष्णुदेव साय काम कर रहे हैं, जो कांग्रेस अपने शासनकाल में नहीं कर पाई, तो कांग्रेस विचलित हो गई है।” उन्होंने कांग्रेस पर गोठान और गोबर घोटाले के आरोप भी लगाए और कहा कि अब कांग्रेस खुद को पाक-साफ साबित करने की कोशिश कर रही है।

लोहारीडीह हिंसा: क्या है मामला?

रविवार को कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव में पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के मकान पर कुछ अराजक तत्वों ने आग लगा दी, जिसमें उप सरपंच कचरू साहू की दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया, और एक व्यक्ति अभी भी लापता है। हालात इतने बिगड़ गए कि ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई और पथराव हुआ, जिसमें कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव समेत दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए।

स्थिति को काबू में करने के लिए जिलेभर से सैकड़ों पुलिसकर्मियों और बटालियन के जवानों को तैनात किया गया। गांव के लोग डर के मारे घर छोड़कर भाग गए, जिसके बाद पुलिस गांव में घुस सकी और हालात को नियंत्रण में लिया। इस मामले में पुलिस ने 170 लोगों को आरोपी बनाया है और 69 को गिरफ्तार किया है।

यह घटना प्रदेश की सियासत में भूचाल लेकर आई है, जहां हर पार्टी अपनी राजनीति चमकाने में लगी है, जबकि आम जनता न्याय की उम्मीद लगाए बैठी है।

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Pushpraj Singh Thakur
By Pushpraj Singh Thakur Editor in Chief
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आप सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं एवं वर्तमान में India News के जिला ब्यूरोचीफ के रूप में काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।

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