छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 15 नवंबर को आदिवासी नेता और क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति भी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी, जिससे आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।
बिरसा मुंडा का योगदान और महत्व
बिरसा मुंडा को भारतीय आदिवासी समुदायों में एक महानायक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया और आदिवासियों को संगठित कर उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। विशेषकर झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में उनकी पूजा भगवान की तरह की जाती है। उनका योगदान आदिवासी अस्मिता और पहचान की दिशा में प्रेरणादायक रहा है। बिरसा मुंडा ने औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाकर मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया, जिससे आदिवासी समाज को संगठित होने की प्रेरणा मिली।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल
इस विशेष कार्यक्रम के आयोजन के पीछे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया। साय की इस पहल से यह साफ होता है कि राज्य सरकार आदिवासी इतिहास और संस्कृति को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के बीच एकजुटता और स्वाभिमान का संदेश देना है।