कोरबा , कटघोरा, 19 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्राम पंचायत बासिन में एक दर्दनाक हादसे में एक युवक की जान चली गई जब उस पर खूंखार भालू ने हमला कर दिया। यह घटना जटगा चौकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत घटित हुई। मृतक युवक ईश्वर धंनवार (38 वर्ष) अपनी गाय-बकरियों को चराने जंगल की ओर गया था, जहां भालू के हमले से उसकी मौके पर ही मौत हो गई, साथ ही भालू ने एक मवेशी को भी मार डाला।
घटना का विवरण:
शुक्रवार को ग्राम पंचायत आमलीकुंडा निवासी ईश्वर धंनवार रोज की तरह अपने मवेशियों को चराने जंगल की ओर गया था। घटना उस समय हुई जब वह एक नाले के पास स्थित गुफा में छिपे भालू को देखने की कोशिश कर रहा था। अचानक भालू ने उस पर और उसकी गाय पर हमला कर दिया। भालू ने ईश्वर के गले, सिर, बाईं आंख के ऊपरी हिस्से और पैर पर गंभीर चोटें पहुंचाई, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। वहीं, भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल गाय की भी मौत हो गई।
सूचना और कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय वन विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मृतक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर दिया है, और ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की सलाह दी जा रही है।
प्राथमिक सहायता:
घटना की गंभीरता को देखते हुए, वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत ने मृतक के परिवार को 25,000 रुपये की तत्काल सहायता राशि प्रदान करने का आदेश दिया। परिक्षेत्र अधिकारी जटगा ने मृतक की माता तुरतिया बाई को यह राशि सौंपी। वन विभाग द्वारा गांव में मुनादी कराई गई है, जिसमें ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे जंगल में जाने से बचें और सावधानी बरतें।
जंगल में भालुओं का बढ़ता खतरा:
इस घटना ने फिर से जंगल में भालुओं के हमलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में वन्य जीवों के हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं। वन विभाग द्वारा लगातार ग्रामीणों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है, लेकिन लोग अपनी मवेशियों को चराने के लिए जंगल की ओर जाना नहीं छोड़ रहे हैं। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे जंगल में अकेले न जाएं और वन्य जीवों के प्रति सतर्क रहें।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
इस घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से भालुओं की बढ़ती संख्या और हमलों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की है। वहीं, वन विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस घटना से स्पष्ट है कि वन्य जीवों के साथ सहअस्तित्व के लिए सुरक्षा और सावधानी आवश्यक है।
निष्कर्ष:
यह घटना बताती है कि जंगल के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए वन्य जीवों से बचाव के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। वन विभाग और प्रशासन को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।