कवर्धा। 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिल्ली पब्लिक स्कूल, कवर्धा में उत्साह और गरिमापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों ने भी पूरे समर्पण और जोश के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना सभा से हुई, जिसमें योग से संबंधित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों और शिक्षकों ने प्रेरणादायक सुविचार और योग पर आधारित भाषण प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और भी प्रभावशाली बनाया।
इसके बाद छात्रों ने विभिन्न प्रकार के प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास किया। उन्हें नियमित योगाभ्यास के लाभों की जानकारी दी गई और इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
योग प्रशिक्षण हेतु पतंजलि योगपीठ कवर्धा से उमा चंद्रवंशी, महिमा शर्मा, दुर्गा चंद्रवंशी और रोहन चंद्रवंशी को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों को योग की उपयोगिता समझाते हुए नियमित अभ्यास की शपथ दिलाई।
विद्यालय की प्राचार्य ग्रेसिया एन. फिग्रेद ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता की अमूल्य देन है। हमें इसे आत्मसात कर स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में बढ़ना चाहिए। योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और बौद्धिक रूप से भी हमें सशक्त बनाता है। आज जब संपूर्ण विश्व भारत की इस परंपरा को अपना रहा है, ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम इसे अपने जीवन में नियमित रूप से अपनाएं और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें।
विद्यालय परिसर में आयोजित इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि योग केवल एक दिन का अभ्यास नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवनशैली का हिस्सा बनना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हो सके।